एक अंजाना सा सपना,
मेरी आँखों मे नज़र आता है,
कभी होसलो को बढ़ाता है,
तो कभी रातो को जगाता है.…
मंज़िल है दूर अभी,
ये रास्ता भी मुश्किल है,
खोने का गम भी है,
ओर पाने की तलब बड़ी है.…
कहते है चलते रहना ही ज़िन्दगी है,
थम जाना यहाँ फितरत नही है,
पाओ के नीचे जब तक ज़मी है,
हर राह मेरी सखी बनी है....
फूलो से शिकायत नही,
की आज उनमे वो महक नही,
ज़रा पतजड़ झड़ जाने दे,
बहार बाहे फैलाये खड़ी है....
-खुशबू शर्मा
मेरी आँखों मे नज़र आता है,
कभी होसलो को बढ़ाता है,
तो कभी रातो को जगाता है.…
मंज़िल है दूर अभी,
ये रास्ता भी मुश्किल है,
खोने का गम भी है,
ओर पाने की तलब बड़ी है.…
कहते है चलते रहना ही ज़िन्दगी है,
थम जाना यहाँ फितरत नही है,
पाओ के नीचे जब तक ज़मी है,
हर राह मेरी सखी बनी है....
फूलो से शिकायत नही,
की आज उनमे वो महक नही,
ज़रा पतजड़ झड़ जाने दे,
बहार बाहे फैलाये खड़ी है....
-खुशबू शर्मा
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